भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर तेज़ी से बदल रहा है। पिछले दशक में जहां पेट्रोल और डीज़ल कारें ही ग्राहकों की पहली पसंद थीं, वहीं अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं। EV खरीदने से पहले हर ग्राहक के मन में एक सवाल ज़रूर आता है – Electric Cars vs Petrol/Diesel Cars Maintenance India में किसका खर्च कम है?
मैंने खुद पिछले 10 सालों में कई पेट्रोल और डीज़ल कारें चलाई हैं और हाल ही में EV का भी अनुभव किया है। इस दौरान सबसे बड़ा अंतर जो मैंने महसूस किया, वह था मेंटेनेंस कॉस्ट। Electric Cars vs Petrol/Diesel Cars Maintenance India | पूरी तुलना, आइए इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
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EV और पेट्रोल/डीज़ल कार के मेन्टेनेंस में मूल अंतर
पेट्रोल या डीज़ल कार का इंजन जटिल होता है – इसमें इंजन ऑयल, क्लच, गियरबॉक्स, और कई moving parts होते हैं। इनकी समय-समय पर सर्विसिंग जरूरी है।
वहीं EV का पावरट्रेन बहुत सरल है – इसमें मोटर और बैटरी पैक होते हैं, जिन्हें ज्यादा सर्विसिंग की जरूरत नहीं पड़ती।
उदाहरण:
मेरी पेट्रोल कार (1.2L इंजन) की हर सर्विस पर लगभग ₹6,000–₹7,500 खर्च आता था। वहीं मेरी EV (40 kWh बैटरी वाली) की सालाना सर्विसिंग सिर्फ ₹2,000–₹3,000 तक में पूरी हो जाती है, क्योंकि इसमें सिर्फ ब्रेक, टायर और सॉफ्टवेयर अपडेट्स देखने पड़ते हैं।
बैटरी vs इंजन: सबसे बड़ा फर्क

- पेट्रोल/डीज़ल कार: इंजन ऑयल बदलना, फिल्टर चेंज करना, क्लच और बेल्ट्स की मरम्मत – ये सब खर्चे लगातार आते रहते हैं।
- EVs: सबसे बड़ा खर्च बैटरी से जुड़ा हो सकता है। हालांकि, अधिकतर कंपनियां बैटरी पर 8 साल या 1,60,000 किमी तक की वारंटी देती हैं।
👉 बैटरी बदलने की लागत फिलहाल ज्यादा है (₹3–5 लाख), लेकिन चूंकि यह वारंटी से कवर हो जाती है, इसलिए शुरुआती 8 साल तक आपको चिंता करने की जरूरत नहीं होती।
सर्विसिंग और रिपेयर कॉस्ट
- Petrol/Diesel Cars:
हर 10,000 किमी पर इंजन ऑयल चेंज, फिल्टर बदलना और अन्य चेकअप जरूरी होता है। औसतन हर साल ₹10,000–₹15,000 तक का खर्च आ सकता है। - EV Cars:
EVs में नियमित रूप से सिर्फ टायर रोटेशन, ब्रेक पैड चेक और सॉफ्टवेयर अपडेट्स होते हैं। सालाना खर्च औसतन ₹4,000–₹6,000 तक सीमित रहता है।
प्रैक्टिकल उदाहरण: मेरे एक दोस्त ने Tata Nexon EV चलाई है 3 साल से – उन्होंने बताया कि उनकी सर्विसिंग लागत सालाना ₹5,000 से भी कम रही है, जबकि उनकी पिछली डीज़ल कार (Swift Dzire) में यही खर्च ₹12,000–₹15,000 तक होता था।
फ्यूल vs चार्जिंग कॉस्ट

मेंटेनेंस के साथ-साथ सबसे बड़ा फर्क फ्यूल और चार्जिंग में आता है।
- पेट्रोल कार (माइलेज 15 kmpl, पेट्रोल ₹100 प्रति लीटर मानकर):
प्रति किमी लागत लगभग ₹6–₹7 आती है। - डीज़ल कार (माइलेज 20 kmpl, डीज़ल ₹90 प्रति लीटर मानकर):
प्रति किमी लागत लगभग ₹4.5–₹5 आती है। - EV कार (15 kWh/100 km, बिजली ₹6 प्रति यूनिट मानकर):
प्रति किमी लागत लगभग ₹1–₹1.5 आती है।
👉 यानी लॉन्ग-टर्म ओनरशिप में EV चलाना कई गुना सस्ता पड़ता है।
लॉन्ग-टर्म कॉस्ट तुलना (5–7 साल)
अगर आप भारत में 7 साल तक कार रखते हैं और सालाना 12,000–15,000 किमी चलाते हैं, तो:
- पेट्रोल कार:
फ्यूल + मेंटेनेंस = ₹6–7 लाख तक - डीज़ल कार:
फ्यूल + मेंटेनेंस = ₹5–6 लाख तक - EV कार:
चार्जिंग + मेंटेनेंस = ₹2–3 लाख तक
👉 साफ है कि EVs का long-term ownership cost काफी कम है।
भारत में चुनौतियाँ
हालांकि EVs में खर्च कम है, लेकिन भारत में कुछ चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं:
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर – छोटे शहरों और हाइवे पर चार्जिंग स्टेशन की कमी।
- बैटरी रिप्लेसमेंट कॉस्ट – वारंटी के बाद यह खर्च बड़ा हो सकता है।
- रीसेल वैल्यू – EVs का सेकंड-हैंड मार्केट अभी बहुत नया है।
मेरी राय: किसे चुनना चाहिए?
अगर आप शहर में रहते हैं, रोज़ाना 50–60 किमी ड्राइव करते हैं और घर पर चार्जिंग की सुविधा है, तो EV आपके लिए बेहतर और सस्ता विकल्प है।
अगर आप हाईवे ड्राइव ज्यादा करते हैं और चार्जिंग नेटवर्क पर भरोसा नहीं कर सकते, तो फिलहाल पेट्रोल/डीज़ल कार ज्यादा प्रैक्टिकल रहेगी।
निष्कर्ष
भारत में EV maintenance costs vs Petrol/Diesel cars तुलना साफ दिखाती है कि लॉन्ग टर्म में EVs सस्ती पड़ती हैं। सर्विसिंग कॉस्ट कम है, फ्यूल कॉस्ट बेहद कम है और टेक्नोलॉजी के साथ इनकी विश्वसनीयता बढ़ रही है।
अगर आप अगले 5–7 साल के लिए कार लेने की सोच रहे हैं और चार्जिंग की सुविधा आपके पास है, तो EV पर स्विच करना समझदारी होगी।
👉 आपकी क्या राय है? क्या आप EV खरीदने के लिए तैयार हैं या अभी भी पेट्रोल/डीज़ल कार को ज्यादा प्रैक्टिकल मानते हैं? हमें कमेंट्स में बताइए।अगर आप शहरों से अलग गाँवों या कस्बों में EV लेने का सोच रहे हैं, तो (👉 गाँवों के लिए EVs पर हमारी डिटेल्ड गाइड पढ़ना ना भूलें)।
FAQs: EV Maintenance vs Petrol/Diesel Cars
Q1. क्या EV का रख-रखाव पेट्रोल कार से सच में सस्ता है?
👉 हां, EV का सालाना मेंटेनेंस पेट्रोल/डीज़ल कार से लगभग 40–50% सस्ता होता है।
Q2. बैटरी बदलने का खर्च कितना आता है?
👉 बैटरी बदलने का खर्च ₹3–5 लाख तक हो सकता है, लेकिन अधिकतर कंपनियां 8 साल की वारंटी देती हैं।
Q3. EV की सर्विसिंग में क्या-क्या शामिल होता है?
👉 टायर चेक, ब्रेक पैड, सॉफ्टवेयर अपडेट्स और सामान्य जांच। इंजन ऑयल या क्लच जैसी चीज़ें नहीं होतीं।
Q4. लंबी दूरी (हाईवे) पर EV लेना सही रहेगा?
अगर आपके रूट पर चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध हैं तो हां। वरना फिलहाल पेट्रोल/डीज़ल कार ज्यादा सुविधाजनक है।
Q5. EV और पेट्रोल/डीज़ल कार की औसत प्रति किमी लागत क्या है?
👉 EV: ₹1–₹1.5 प्रति किमी, पेट्रोल: ₹6–₹7 प्रति किमी, डीज़ल: ₹4.5–₹5 प्रति किमी।
🔹 Disclaimer
इस आर्टिकल में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री रिपोर्ट्स पर आधारित है। हम किसी विशेष ब्रांड या मॉडल की सिफारिश नहीं करते। कार खरीदने या निवेश का निर्णय लेने से पहले हमेशा अधिकृत डीलर या विशेषज्ञ की सलाह लें।








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